बच्चे  भगवान की नेमत है किसी ने खूब कहा है | और हर बच्चा माँ -बाप के लिए अनमोल होता है | आजकल की दुनिया में लड़के-लड़की के भेद से परे ज्यादातर लोगों की प्रायोरिटी होती है स्वस्थ बच्चे की कामना|

पर आजकल हमने देखा है यही सबसे मुश्किल हो गया है | अब खान -पान का फर्क है या हवा पानी की गंदगी |
लेकिन बच्चे में होनी वाली किसी भी प्रकार की बीमारी से बच्चे के साथ साथ उसके माँ -बाप भी झूंझते हैं ,इसमें कोई दोराई नहीं है |
ऑटिस्म ऐसी ही एक समस्या है |

पर यकीं मानिये ,समय पर डॉक्टर की सलाह और देखभाल से आप अपने बच्चे को सही जिंदगी दे सकते है | हाँ सच है की मेहनत ज्यादा लगेगी,और धैर्य भी पर ये उस बच्चे का हक़ भी तो है जिसको आप दुनिया में लाये है |

एक ऑटिस्टिक बच्चे के माता -पिता होने के नाते कुछ चीजें है जिनसे हमेशा आपको बचना चाहिए |

1 .अपने बच्चे की बीमारी छुपाना :

“मेरा बच्चा तो स्लो है थोड़ा “|
“अरे इसका दिमाग ही नई चलता “|
वक़्त के साथ सही हो जाएगा “|
ये सब बोल कर कई लोग बच्चे के बीमारी से भागने की कोशिस करते हैं , पर मुझे बतायें की अगर आप ही अपने बच्चे को एक्सेप्ट नहीं करेंगे तो कैसे उम्मीद करते हैं की दुनिया करेगी |

२. हमेशा बच्चे में गलतियाँ निकालते रहना :

एक वक़्त आएगा ,जब आप हताश भी होंगे और परेशान भी लेकिन हमेशा ध्यान रखें बच्चे में गलती निकलना सलूशन नहीं है | उसको ऊंचाइयों तक पहुंचना जरूर आपका हक़ है लेकिन जो जबरदस्ती उस पर चीजें न थोपे |उसे बचपन को एन्जॉय करें |

3 सब गलतियों का दोष ऑटिस्म पर मढ़ देना :

आपका बच्चा अलग जरूर है ,लेकिन इसका मतलब ये नहीं की वो जो भी कर रहा है वो सब उस बीमारी के कारण है | उसको भी हर बच्चे की तरह बुरा लगता है , ज़िद करता है लेकिन इसका मतलब ये नहीं की उसके हर बेहेवियर को आप एक ही लकड़ी से हाँक दे | उसे वक़्त दें ,उसे समझे |

4 लोगों से उम्मीद रखना :

दुनिया में हर तरह के लोग हैं | आप अपने बच्चे को जितनी अच्छे तरह से समझ सकते हैं ,शायद ही कोई समझ पाए |
इसीलिए सबसे ये उम्मीद करना की वो भी आपकी तरह ही समझदारी से व्यव्हार करें ,छोड़ दे |

यकीन माने अगर आप अपने बच्चे के साथ गिर कर उठना सीख जाएगें, उसके बचपन को मुसीबत न समझ कर एन्जॉय करेंगे तो आप अपने बच्चे को एक सामन्य जीवन दे सकते हैं |

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